जोक कवियार [Joke Kaviaar] नीदरलैण्ड की मशहूर कवियित्री और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपने वेबसाइट http://www.jokekaviaar.nl पर एक लेख लिखा। इसमें इन्होंने नीदरलैण्ड राज्य की अप्रवासी नीतियों की तीखी आलोचना की। नीदरलैण्ड सरकार पिछले कुछ सालों से अप्रवासियों को बड़े पैमाने पर गिरफ्तार कर रही है, उन्हे कई तरह से परेशान कर रही है और यहां तक कि उन्हे डिपोर्ट भी कर रही है। जाहिर है इनमें से ज्यादातर के पास कोई ‘कानूनी’ कागजात नही होते हंै। इन लोगो को जोक कवियार ने अपने लेख में उचित ही ‘पीपुल विदआउट पेपर’ कहा है। इसी का बहाना बना कर नीदरलैण्ड राज्य उन्हे परेशान कर रहा है और उन पर अपना दमन चला रहा है।
इसकी तीखी आलोचना करते हुए जब जोक कवियार ने इससे सम्बन्धित कुल चार लेख लिखे तो सरकार ने जोक कवियार से इसे तुरन्त अपनी वेबसाइड से हटाने को कहा। लेकिन जोक डटी रही और उन्होने अपने चारों लेखों को हटाने से इन्कार कर दिया। इसके बाद उन्हे तुरन्त गिरफ्तार कर लिया गया और तीन दिनों तक हिरासत में रखा गया। उनके वेबसाइट को भी बन्द कर दिया गया। लेकिन Anonymous group ने 24 घण्टे के भीतर ही इसे फिर चालू कर दिया। इसके बाद उनके समर्थन में इसकी कई मिरर साइट अस्तित्व में आ गई। सरकार का यह दांव उल्टा साबित हुआ। उनकी वेबसाइट दुनिया भर में मशहूर हो गयी।
इसके अलावा तलाशी के नाम पर उनके घर को उलट-पुलट दिया गया। इसके बाद उन्हे रिहा तो कर दिया गया लेकिन उन पर ‘आतंक भड़काने ‘ का मुकदमा लाद दिया गया, जिस पर फैसला 22 जनवरी को आना है। इसमें उन्हे 6 माह तक की सजा हो सकती है। यानी 4 लेख लिखने की सजा 6 माह की कैद।
यह भी एक विरोधाभास ही है कि अंतराष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय नीदरलैण्ड के ही हेग शहर में है।
ट्रायल के दौरान कोर्ट में उनके समर्थन में काफी लोग आये। दुनिया के दूसरे हिस्से से भी काफी लोग उनके समर्थन में वहां एकजुट हुए। कोर्ट में जोक कवियार ने अपना विद्रोही तेवर बनाये रखा और कोर्ट के अपने बयान में कहा कि मुकदमा उन पर नही बल्कि राज्य पर चलाया जाना चाहिए जिसकी नीतिया आतंककारी है। ज्ञातव्य हो कि नीदरलैण्ड, अमेरिकी नेतृत्व में चल रहे विश्वव्यापी ‘आतंक के खिलाफ युद्व’ का हिस्सा है। और नीदरलैण्ड की सेनाए दुनिया के कई हिस्सों में तैनात है। इस प्रक्रिया में नीदरलैण्ड के कई सैनिक मारे भी गये है। जोक कवियार ने इसके खिलाफ भी अपनी कविताओं व अन्य रचनाओं में काफी लिखा है।
जोक कवियार अपनी विद्रोही कविताओं के लिए भी काफी समय से सरकार की आखों में गड़ रही थी।
इस केस से तो यही लगता है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर तालाबन्दी सिर्फ तीसरी दुनिया के देशों की ही विशेषता नही है।
दरअसल जनअसंतोष अब एक विश्वव्यापी परिघटना है। प्रतिक्रिया स्वरुप सभी देशों के शासक धीरे धीरे फासीवाद की शरण में जाने लगे हैं।
पेश है जोक कवियार की एक महत्वपूर्ण कविता –
WRITE IT — IGNITE IT
Charged with the crime of speaking your mind
You better shut up — or we’ll lock you up
It is time to define we got the right to incite
Call out — Call out — Call out — Call out!
We gotta write it — ignite it
Burn the prosecution
and the ministry of justice!
We gotta light it and fight it
Burn down the profits
of the prisons, institutions!
Charged with the crime of speaking your mind
It is time now to fight — Don’t listen to the lies!
They make ya do time for a thought crime
Only one solution is to call out revolution!
One solution — Revolution!
Charged with the crime of speaking your mind
You better shut up — or we’ll lock you up
Charged with the crime of speaking your mind
Down with the nations – Stop deportations!
It is time to define we got the right to incite
Call out — Call out — Call out — Call out!
We gotta write it- ignite it
Burn the prosecution
and the ministry of justice!
We gotta light it and fight it
Burn down the profits
of the prisons, institutions!
Charged with the crime of speaking your mind
Down with the borders — Fuck law and order!
They make ya do time for a thought crime
Only — one — solution — is — to call out — revolution!
इस कविता का विडियो आप यहां देख सकते है।