Monthly Archives: April 2012

‘दास्तानगो’ के बहाने पंक्तियों के बीच छिपी कुछ बातें

पाखी के अपै्रल अंक में प्रियम्वद की लम्बी कहानी ‘दास्तानगो’ पढ़ कर खत्म की तो इतिहास का खुमार सा छा गया। अद्भुत! कहानी का जादू इतना जबरदस्त था कि देर तक समय की तकिया पर सोचते सोचते सो गयी और … Continue reading

Posted in General | 2 Comments

जी करता है

जी करता है यूं ही चलते रहें सारे दिन न देखें पलट कर आंखों में डालकर आंखें मतलब समझा दें हिमाकत का… कि यूं ही चलते रहें सारे दिन के जैसे हवा चलती है.. धूप खिलती है.. बारिश झरती है.. … Continue reading

Posted in General | Comments Off on जी करता है

कुछ रचेंगे…..

कुछ रचेंगे तभी बचेंगे… रचना है मन के लिए…. रचना है जीवन के लिए…. रचना है सबके लिए….

Posted in General | Comments Off on कुछ रचेंगे…..

जी भर जीने दो…..

शब्द बचेंगे तो हम बचेंगे अर्थ बचेंगे तो सब बचेेंगे सब बचेंगे तभी तुम भी बचोगे बचना चाहते हो तो शब्दों को रचने दो अर्थों को खुलने दो…… खुल कर अपने मन की कहने दो…………… जीवन को जी भर जीने … Continue reading

Posted in General | Comments Off on जी भर जीने दो…..