Monthly Archives: May 2015

‘John Abraham’, ‘Amma Ariyan’ and ‘Odessa Collective’

आज ही के दिन (31 मई) 1987 को केरल के समानान्तर सिनेमा के मशहूर फिल्मकार ‘जान अब्राहम’ का निधन हुआ था। यह अजीब संयोग है कि जन फिल्मकार के रुप में मशहूर जान अब्राहम की मृत्यु भी आम आदमी की … Continue reading

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कई चांद थे सरे आसमां

कई चांद थे सरे आसमां कि चमक चमक के पलट गए मिसरा अहमद मुश्ताक़ का है और लगभग 750 पन्नों का भारी-भरकम उपन्यास ‘कई चांद थे सरे आसमां’ लिख दिया उर्दू के विख्यात आलोचक शम्सुर्ररहमान फ़ारूक़ी ने। यूं तो उपन्यास … Continue reading

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‘सेलफोन’ – एर्नेस्तो कार्देनाल

आप अपने सेलफोन पर बात करते हैं करते रहते हैं करते जाते हैं और हँसते हैं अपने सेलफोन पर यह न जानते हुए कि वह कैसे बना था और यह तो और भी कि वह कैसे काम करता है लेकिन … Continue reading

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