किलरकोक डाट ओआरजी

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होली के बाद अब गर्मी ने दस्तक देनी शुरु कर दी है। इसी के साथ हमारी प्यास बुझाने के लिए ‘पेप्सी’ और ‘कोक’ जैसी बड़ी कम्पनियों ने कमर कस ली है। हमारी प्यास तो उनकी एक बोतल पी कर बुझ जाती है, लेकिन इन कम्पनियों की प्यास कभी नही बुझती। इन कम्पनियों ने भारत में जहां जहां भी अपने बाटलिंग प्लान्ट लगाये है, वहां की आस पास की आबादी अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी को तरस रही है। बाटलिंग प्लान्ट के लिए प्रतिदिन लाखों लीटर पानी जमीन से निकालने के कारण उस क्षेत्र का वाटर लेवल काफी नीचे गिर जाता है। केरल मे प्लाचीमाडा, महाराष्ट्र में वाडा और उत्तर प्रदेश में मंेहदीगंज, कोका कोला के बाटलिंग प्लान्ट के कारण इस समस्या से बुरी तरह जूझ रहे है। कोका कोला के खिलाफ इन क्षेत्रों में बड़े बड़े प्रदर्शन भी हो रहे है। इन जुझारु प्रदर्शनो के कारण ही कोका कोला का प्लाचीमाडा प्लान्ट 2004 से ही बन्द है।
नेलामान्गला, पानीपत, चोपान्की, दिल्ली, फिल्लापुर और जोधपुर स्थित पेप्सी के बाटलिंग प्लान्ट वाले क्षेत्रों मे भी यही स्थिति है। खुद पेप्सी कम्पनी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2009 में पेप्सी कम्पनी ने कुल 5.618 खरब लीटर पानी का इस्तेमाल किया। जाहिर है वास्तविक आंकड़ा इससे कही ज्यादा होगा।
पेप्सी कम्पनी के भारत में कुल 32 प्लान्ट है। इसमे से 9 प्लान्ट ऐसे क्षेत्रों मे हैं जो पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहे है।
इन दोनो कम्पनियों के पेय पदार्थों को संसद की कैन्टीन में प्रतिबन्धित किया जा चुका है। क्योकि कुछ साल पहले एक रिपोर्ट आयी थी कि कोक और पेप्सी मे खतरनाक रसायन सामान्य से 30 गुना तक ज्यादा है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इस रिपोर्ट के आने के बाद संसद में इसकी सप्लाई पर रोक लगा दी गयी। क्या जनता किसी और धातु की बनी है कि उन्हे ये खतरनाक रसायन असर नही करेंगे?
लेकिन पूरी दुनिया में प्रतिवर्ष लगभग 50 अरब डालर का कारोबार करने वाली इन कम्पनियों पर लगाम लगाने की ताकत किसी भी देश की सरकार में नही है। दोनो कम्पनियां विशेषकर कोका कोला अपने कुख्यात कामों के लिए दुनिया भर में बदनाम है। कई देशो में राजनीतिक हत्याओं में विशेषकर अपने ही प्लान्ट के मजदूर नेताओं की हत्याओं में ये कम्पनियां शामिल रही हैं। इस विषय पर कई फिल्में भी बनी है।
तो अगली बार जब भी आप कोई ‘तूफानी ठंडा’ अपने होठों से लगाये तो इन सब चीजों पर भी थोड़ा गौर कर लें।
विस्तार से जानने के लिए जाएं- killercoke.org और indiaresource.org पर…….

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