विगत दिनों पूरी दुनिया की मीडिया में एक जबरदस्त हल्ला सुनने को मिला कि हालीवुड अभिनेत्री एंजेलिना जोली ने सम्भावित स्तन कैंसर से बचने के लिए अपने दोनो स्तन कटवा दिये.[double mastectomy]। ‘न्यूयार्क टाइम्स’ में एंजेलिना जोली का एक लेख छपा कि महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति सचेत होना चाहिए और उसके लिए जिम्मेदार जीन्स का परीक्षण करवाना चाहिए।
गौरतलब है कि महिलाओं में स्तन कैंसर एवं गर्भाशय के कैंसर के लिए दो जीन्स जिम्मेदार होते हैं- BRCA1 & BRCA2A । अगर इस बात का पता चल जाए कि अमुक महिला में मौजूद इन दोनो जीन्स में कुछ गड़बड़ी है तो उसका इलाज समय पर सम्भव है। आमतौर पर ऐसे परीक्षण की कोई जरूरत नहीं होती लेकिन अगर किसी महिला के परिवार में एक दो पीढ़ी में ‘स्तन कैंसर’ का इतिहास होता है तो उसे इस परीक्षण की सलाह दी जाती है।
जिस समय तमाम समाचार पत्रों में एंजेलिना जोली की ‘बहादुरी’ के किस्से छप रहे थे उसी समय न जाने क्यों मन में एक आशंका हो रही थी। आखिर इसके पीछे का सच क्या है? क्या सचमुच एंजेलिना जोली को दुनिया की औरतों की चिन्ता इस कदर सता रही थी कि उन्होंने अपने ‘सेक्स अपील’ के प्रतीक को ही कटवा दिया? न जाने क्यों बार-बार लग रहा था कि जरूर कहीं न कहीं कोई घपला है। और जब सच का पता चला तो आंखें खुली की खुली रह गयीं और यह लगा कि सचमुच इस घिनौने पूंजीवाद में किसी बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
चलिए हकीकत आपको बता देते हैं। दरअसल सच्चाई यह है कि अमेरिका में एक कम्पनी है-मिरियाड जेनेटिक्स [Myriad Genetics]। उसका इंसानों के शरीर में मौजूद BRCA1 & BRCA2 जीन्स पर पेटेण्ट (प्रोडक्ट पेटेण्ट) है। जी हां, हमारे शरीर के जीन्स पर उसका कब्जा है। अमेरिका में इस जीन्स के परीक्षण का खर्च है 3000 डालर। अमेरिका में इस परीक्षण पर भी इसी कम्पनी का कब्जा है। पूरे अमेरिका में आप टेस्ट कहीं भी कराएं वह इसी कम्पनी के खाते में जाता है। एंजेलिना जोली की इस ‘बहादुरी’ के बाद इसे बढ़ा कर 4000 डालर कर दिया गया है। इसके अलावा रातों-रात कम्पनी का शेयर 4 प्रतिशत उछल गया।
हैरत होती है कि हमारे शरीर में मौजूद तमाम जीन्स पर भी निजी कम्पनियो का कब्जा है। हमें इस बात का गुमान भी नहीं है कि हम किस हद तक गुलाम हैं। मजे की बात है कि इस कम्पनी ने इन जीन्स की खोज भी नहीं की थी। इसे ‘उटा विश्वविद्यालय’ में जनता के पैसों से खोजा गया था और फिर उसने यह खोज ‘मिरियाड जेनेटिक्स’ को बेच दी। इन जीन्सों पर इस कम्पनी का एकाधिकार इस कदर है कि कोई अन्य व्यक्ति इस पर शोध भी नहीं कर सकता है।
जाहिर है, पहले से ही मानसिक रूप से असुरक्षित अमेरिका में, एंजेलिना जोली के इस उद्घाटन के बाद तमाम अमीर महिलाएं इस परीक्षण के लिए आगे आ रही होंगी। और हम जान चुके हैं कि इस कम्पनी के शेयर में पहले ही उछाल आ चुका है। एंजेलिना जोली ने इस प्रचार के लिए कितने में सौदा किया होगा अभी इसका उद्घाटन नहीं हुआ है। या फिर हमें नहीं पता। वह जिन उंचाईयों पर हैं, उसमें यह सौदा लाखों डालर का भी हो सकता है। आखिर उनके छः बच्चों (इनमें से तीन गोद लिए हुए हैं) के लालन पालन का सवाल है।
अन्त में, मुझे याद आ रही हैं ‘मैडम क्यूरी’। उन्होंने अपने पति के साथ मिल कर रेडियम की खोज की थी। इसने चिकित्सा जगत में एक क्रान्तिकारी परिवर्तन किया था। क्यूरी दम्पत्ति को जब चिकित्सा के लिए ‘नोबल पुरस्कार’ मिला तो उनके पास पुरस्कार समारोह में पहन कर जाने के लिए ढंग के कपड़े भी नहीं थे। उनके मित्रों ने उनके लिए नए कपड़ों का प्रबन्ध किया। समारोह में पहुंच कर जब मैडम क्यूरी ने वहां की महिलाओं को हीरे के आभूषणों में जगमगाता देखा तो उन्हें लगा कि इतने मंहगे गहनों से तो विज्ञान के महत्वपूर्ण शोध किये जा सकते हैं। अन्त में उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि क्या वह अपनी इस खोज को पेटेण्ट कराएंगी? तो उनका जवाब था कि वैज्ञानिक अविष्कार अस्तित्व में आने के बाद से ही जनता की धरोहर होते हैं, उन्हें उनकी भलाई में लगाया जाना चाहिए न कि उसका पेटेण्ट करके उससे मुनाफा कमाया जाना चाहिए।
अब आप ही तय करिये हमें किसकी ज्यादा जरूरत है-‘मैडम क्यूरी’ की या ‘एंजेलिना जोली की’…………..
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बहुत जरूरी लेख। मुझे पहले ही आशंका थी। आपका बहुत शुक्रिया।
लेकिन इसमें एंजेलीना जॉली ने सौंदर्य के संदर्भ में जो तर्क दिया है, उस पर शायद मैं भी कुछ लिखूं। इसमें सौंदर्य के तमाम पैमानों पर भी बात होनी चाहिए।