हान सुइन नही रही!


चीनी क्रान्ति और चीनी इतिहास में जरा सी भी रुचि रखने वाला व्यक्ति हान सुइन (Han suyin) से अपरिचित नही होगा। परसों यानी 2 नवम्बर को उनका स्विटजरलैण्ड में 95 वर्ष की अवस्था में देहान्त हो गया।
“morning deluge” और “wind in the tower” उनकी महत्वपूर्ण पुस्तक है। ये दोनो किताबें मिलकर 1919 से लेकर 1976 तक के चीन का प्रामाणिक और रोचक इतिहास प्रस्तुत करती हैं। इस दौर का इससे बेहतर इतिहास नही लिखा गया है।
लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि न्यूज-पेपरों में जहां भी हान सुइन के देहांत की खबर आयी, वहां उनका प्रोफाइल पेश करतें हुए यही दोनों किताबें गायब कर दी गयी। एक बारगी तो मैं भी कनफ्यूज हो गयी कि यह ‘मार्निग डेल्यूज’ वाली हान सुइन हैं या कोई और है।
मीडिया ने ये दोनों महत्वपूर्ण पुस्तकें क्यो नजरअंदाज की इसे समझना कठिन नही है। दरअसल ये दोनो किताबें समान्य अकादमिक ढंग से नही लिखी गयी हंै। ये दोनों किताब इतिहास निर्माण के आह्वान के साथ एक बनते हुए इतिहास का जीवन्त दस्तावेज है। और पश्चिमी मीडिया को इसमें चुभने वाली बात यह भी लग सकती है कि 1919 से 1976 के दौरान पश्चिमी ताकतों विशेषकर अमेरिका ने चीन के खिलाफ जितनी भी साजिशें रची थी, उनका कच्चा चिट्ठा इन दोनों किताबों में पूरे प्रमाण सहित मौजूद है।
‘मार्निग डेल्यूज’ किताब आप plunder.com से डाउनलोड कर सकते है।

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