ट्यूनीशिया, तहरीर स्क्ैवर और वाल स्ट्रीट………. के बाद अब शाहबाग आन्दोलन की बारी है। ऐसा लगता है कि जन चक्रवात लगातार अपना केन्द्र बदल रहा है। दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज शायद जन-सैलाब ही है। और ढाका के शाहबाग नामक स्थान पर जन-सैलाब उमड़ रहा है।
1971 के बांग्ला देश मुक्ति संघर्ष के दौरान युद्ध अपराधों के दोषी अब्दुल कादिर मोलाह को मुत्युदण्ड दिये जाने की मांग को लेकर 5 फरवरी को शुरू हुआ यह आन्दोलन अब एक निर्णायक चरण पर पहुंच गया है। इसी बीच शाहबाग आन्दोलन के समर्थक ब्लाॅगर ऐक्टिविस्ट अहमद राजीब हैदर की जमाते इस्लामी के कार्यकर्ताओं ने हत्या कर दी। इससे शाहबाग आन्दोलन की एक प्रमुख मांग यह भी जुड़ गयी कि जमाते इस्लामी पार्टी को राजनीति में प्रतिबन्धित कर दिया जाए। वास्तव में जमाते इस्लामी ने ही 1971 में पाकिस्तानी सेना के साथ सहयोग करके लाखों लोगों की हत्याएं की थी और लाखों लोगों का बलात्कार किया था।
आन्दोलन की सबसे खूबसूरत बात यह है कि यह धर्मनिरपेक्ष है। और इस आन्दोलन में नास्तिक लोगों की भी बड़ी तादात है। इस आन्दोलन के असर के कारण ही बांग्लादेश सरकार को ईशनिन्दा के लिए मृत्युदण्ड की सजा को वापस लेना पड़ा है।
शाहबाग पर अभी भी लोग डटे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक अब्दुल कादिर मोलाह को फांसी नहीं दी जाती और जमाते इस्लामी को प्रतिबन्धित नहीं किया जाता, वो वहां से नहीं हटेंगे।
शाहबाग आन्दोलन के समर्थन में दिल्ली सहित विश्व के कई शहरों में एकजुटता प्रदर्शन हुए हैं।
आने वाला समय ही बताएगा कि ये आन्दोलन क्या रूप लेगा, लेकिन इतना तो तय है कि जनसैलाब की यह खूबसूरती अब निखरेगी ही……………
इस आन्दोलन पर एक खूबसूरत वीडियो आप Shahbag Movement देख सकते हैं।