Author Archives: kriti shree

‘Eyewitness in Falluja’ by Jo Wilding

जर्नलिज्म को इतिहास का ‘पहला ड्राफ्ट’ कहा जाता है। आज से ठीक दस साल पहले अमरीका द्वारा ईराक पर हमले के समय जब अधिकांश पत्रकार अमरीकी सेना के साथ ‘Embed’ थे और अमरीका की ‘सफलता’ की खबरे दे रहे थे … Continue reading

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‘पूंजीवाद का प्रपंच’ – सिद्धार्थ वरदराजन

नरेंद्र मोदी आखिर किसका प्रतिनिधित्व करते हैं, और भारतीय राजनीति में उनके उदय के क्या मायने हैं? 2002 के मुस्लिम विरोधी दंगों का बोझ अब भी उनके कंधों पर है। ऐसे में, सांप्रदायिक राजनीति के ऐतिहासिक उभार के तौर पर … Continue reading

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‘The Crisis In Physics’ and ‘The New Scientific Worldview’

मशहूर मार्क्सवादी विचारक ‘क्रिस्टोफर काडवेल’ ने 1939 में एक महत्वपूर्ण किताब लिखी थी- ‘दी क्राइसिस इन फिजिक्स’। इस किताब में काडवेल ने इस संकट को इस रुप में रखा था- ‘‘भौतिकी का यह संकट जो कुछ वक्त पहले तक महज … Continue reading

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‘कोलूशा’ – मैक्सिम गोर्की

आज मैक्सिम गोर्की का जन्म दिन [16th March, 1868] है। इस अवसर पर प्रस्तुत है उनकी एक मर्म स्पर्शी कहानी- कब्रिस्तान के मुफलिसों के घेरे में पत्तियों से ढकी और बारिश तथा हवा में ढेर बनी समाधियों के बीच एक … Continue reading

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Stephen Hawking: ‘There are no black holes’ by Zeeya Merali

Most physicists foolhardy enough to write a paper claiming that “there are no black holes” — at least not in the sense we usually imagine — would probably be dismissed as cranks. But when the call to redefine these cosmic … Continue reading

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जॉन पिल्जर की नयी फिल्म ‘यूटोपिया’

पिछले माह 17 जनवरी को आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में जब एक खुली जगह पर ‘जॉन पिल्जर’ की बहुप्रतिक्षित डाक्यूमेन्ट्री ‘यूटोपिया’[Utopia] का प्रदर्शन हुआ तो इसे देखने के लिए 4000 से अधिक लोग आये। इतने सारे लोगो का एक साथ … Continue reading

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गणतंत्र दिवस पर रघुवीर सहाय की कविता

अधिनायक राष्ट्रगीत में भला कौन वह भारत-भाग्य-विधाता है फटा सुथन्ना पहने जिसका गुन हरचरना गाता है। मखमल टमटम बल्लम तुरही पगड़ी छत्र चंवर के साथ तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर जय-जय कौन कराता है। पूरब-पश्चिम से आते हैं नंगे-बूचे नरकंकाल सिंहासन … Continue reading

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Gurbaksh Singh’ Hunger Strike Enters Day 41, On The Brink Of Death — Kirpa Kaur

Listening to Indian mainstream media and society, you might have missed this phenomenal course of events stirring up global dialogue from Punjab over the past 41 days. With Anna’s bill getting tweets, ironically enough, from globally infamous human rights violators … Continue reading

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Nelson Mandela’s greatness may be assured – but not his legacy by John Pilger

दुनिया में बहुत से ऐसे ‘महान’ व्यक्ति हुए हैं,जिनका उत्तरवर्ती जीवन उनके परवर्ती जीवन की कब्र पर खड़ा होता है। ‘नेल्शन मंडेला’ का जीवन भी ऐसा ही था। दुनिया के तमाम शासक वर्ग आज जिस मंडेला की मौत का गम … Continue reading

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Quantum physics, dialectics and society: from Marx and Engels to Khrennikov and Haven by Ben Gliniecki

Quantum physics occupies a fascinating place at the cutting edge of modern scientific research. First developed in the early 20th Century, quantum theory is allowing today’s scientists to plumb new depths when it comes to matter and motion. A new … Continue reading

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