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Category Archives: General
जोक कवियार कौन हैं ?
जोक कवियार [Joke Kaviaar] नीदरलैण्ड की मशहूर कवियित्री और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पिछले दिनों उन्होंने अपने वेबसाइट http://www.jokekaviaar.nl पर एक लेख लिखा। इसमें इन्होंने नीदरलैण्ड राज्य की अप्रवासी नीतियों की तीखी आलोचना की। नीदरलैण्ड सरकार पिछले कुछ सालों से अप्रवासियों … Continue reading
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“मैं अपनी जिंदगी के लिए लड़ी… और जीत हासिल की”-सोहेला अब्दुलाली
तीन साल पहले मेरा गैंगरेप हुआ था, उस वक्त मैं 17 साल की थी. मेरा नाम और मेरी तसवीर इस आलेख के साथ प्रकाशित हुए हैं. 1983 में मानुशी पत्रिका में. मैं बंबई में पैदा हुई और आजकल यूएसए में … Continue reading
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फसल के गीत
सावित्री राॅय के बांग्ला उपन्यास का अंगे्रजी अनुवाद ‘हार्वेस्ट सांग’ पढ़ा। पढ़ कर इतिहास का वह हिस्सा मन में मूर्त होने लगा। यह उपन्यास मूलतः तेभागा आन्दोलन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। बांग्ला में यह उपन्यास ‘पाका धानेर गान’ … Continue reading
नये साल पर यह कविता पढि़ये…………..
यह कविता Egypt की पृष्ठभूमि पर लिखी गयी है। लेकिन हमारे देश में हाल के दिनों में जो घटनाक्रम रहा है, उसके मद्देनजर यह कविता हमारे लिए भी काफी प्रासंगिक हो जाती है। यह कविता Hughe ने लिखी है। Dream … Continue reading
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वह मरी नहीं………………मार दी गयी………………….
13 दिनों तक जि+न्दगी और मौत से जूझते हुए आखिरकार वह लड़की मर गयी। ऐसा लग रहा है जैसे मौत उसकी नहीं हुयी है बल्कि हमारे भीतर का एक हिस्सा खामोश हो गया है। इतना खामोश कि हमें हमारी भावनाएं … Continue reading
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‘साल्ट आफ दि अर्थ’-मजदूर आंदोलन का नारीवादी विमर्श
‘साल्ट आफ दि अर्थ’ 1953 में बनी एक बेहतरीन फिल्म है। बनने के लगभग 7-8 साल बाद तक यह थियेटर का मुंह नही देख सकी थी। अमरीकी सरकार ने इस फिल्म के डायरेक्टर समेत लगभग सभी कलाकारों को ब्लैकलिस्ट कर … Continue reading
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‘सभ्य’ समाज का निर्मम और बदसूरत चेहरा पेश करती फिल्म- ‘रोटी’
तो बात करते हैं 1942 में महबूब द्वारा निर्देशित फिल्म ‘रोटी’ की। बरसों पहले इस फिल्म को दूरदर्शन पर देखा था। यह फिल्म पूंजीवादी सभ्यता और वर्ग आधारित समाज पर आदर्शवादी नजरिये से बहुत ही तीखा कटाक्ष करती है। फिल्म … Continue reading
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खालरा साहब कौन थे?
‘इंटरनेशनल पीपुल्स ट्रीब्यूनल आन हयुमन राइट्स एण्ड जस्टिस इन इंडिया एडमिनिस्टर्ड काश्मीर‘ [IPTK], की रिपोर्ट इसी महीने प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट की खास बात यह है कि कश्मीर में पिछले 22 सालों में हुए मानवाधिकार उल्लंघन के लिए भारतीय … Continue reading
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बाला साहेब ठाकरे होने का मतलब
87 साल की उम्र में बाला साहब की मौत हो गयी। जीने के लिए इससे ज्यादा और उम्र की भला क्या जरूरत? एक भरी पुरी जि+न्दगी। जीते जी इतनी शोहरत, इतनी दौलत! मरने के बाद इतना मातम! अन्तिम संस्कार में … Continue reading
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बाल ठाकरे! बाल ठाकरे!
नागार्जुन ने ‘बाल ठाकरे’ पर यह कविता 1970 में लिखी थी। इस कविता को याद करने का इससे अच्छा मौका और क्या हो सकता है। बाल ठाकरे! बाल ठाकरे! कैसे फासिस्टी प्रभुओं की — गला रहा है दाल ठाकरे! अबे … Continue reading
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