Category Archives: General

खम्भा

गेहूं काटते-काटते अचानक रीता की नज+र सामने बैठे कक्का पर पड़ी। उनकी नज+रें उसकी खुली हुयी पिण्डलियों पर टिकी हुयी थी। गेंहूं काटने में मगन रीता को इस बात का ख्याल ही नहीं रहा कि कब उसकी साड़ी सरक कर … Continue reading

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दादा यान मिर्डल दीर्घायु हो…………..

यह महज संयोग की बात है कि मैं अपने हाथ लगी एक जरूरी किताब यान मिर्डल की ‘रेड स्टार ओवर इन्डिया’ (सेतु प्रकाशन, कोलकाता, मूल्य 295 रु.) पढ़ रही थी। अभी इस किताब के कुछ पन्ने पढ़ने शेष थे कि … Continue reading

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जय सत्य की या बाजार की ?

आमिर खान के ‘सत्यमेव जयते’ सीरियल का कई दिनों से टीवी पर प्रोमो आ रहा था। ऐसा तो लग ही रहा था कि आमिर कुछ अलग करेंगे ही। 6 मई सुबह इंतज+ार खत्म हुआ। आमिर अपना प्रोडक्शन लेकर आए। ज+ाहिर … Continue reading

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‘दास्तानगो’ के बहाने पंक्तियों के बीच छिपी कुछ बातें

पाखी के अपै्रल अंक में प्रियम्वद की लम्बी कहानी ‘दास्तानगो’ पढ़ कर खत्म की तो इतिहास का खुमार सा छा गया। अद्भुत! कहानी का जादू इतना जबरदस्त था कि देर तक समय की तकिया पर सोचते सोचते सो गयी और … Continue reading

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जी करता है

जी करता है यूं ही चलते रहें सारे दिन न देखें पलट कर आंखों में डालकर आंखें मतलब समझा दें हिमाकत का… कि यूं ही चलते रहें सारे दिन के जैसे हवा चलती है.. धूप खिलती है.. बारिश झरती है.. … Continue reading

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कुछ रचेंगे…..

कुछ रचेंगे तभी बचेंगे… रचना है मन के लिए…. रचना है जीवन के लिए…. रचना है सबके लिए….

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जी भर जीने दो…..

शब्द बचेंगे तो हम बचेंगे अर्थ बचेंगे तो सब बचेेंगे सब बचेंगे तभी तुम भी बचोगे बचना चाहते हो तो शब्दों को रचने दो अर्थों को खुलने दो…… खुल कर अपने मन की कहने दो…………… जीवन को जी भर जीने … Continue reading

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